LANGUAGE IN A NEW GET-UP
आपकी जिसमें भी आस्था हो(खम्मन पीर बाबा से लेकर साईं बाबा तक)उनका नाम लेकर,इस लेख के प्रारंभ में मैं यह लिख दूं कि अगर इसे पढने के बाद आपने किसी दूसरे को इसे पढने के लिए फॉरवर्ड न किया तो आपके बुरे दिन शुरू हो जायेगे तो आप क्या करेंगे?मेरा विश्वास है कि मन ही मन आप मुझे आर्शीवाद देते हुए शायद इसे फॉरवर्ड कर दें.कल मैंने भी ऐसा ही किया था .मेरे मोबाइल पर एक सन्देश प्राप्त हुआ जिसे ११ लोगों तक न पहुंचाने के परिणाम स्वरुप मेरे बुरे वक़्त शुरू होने का हवाला दिया गया.जी हाँ,इस प्रकार के लघु मोबाइल सन्देश आजकल बहुत आम हैं.पर क्या करें आस्था भी तो कोई चीज है.वक़्त के साथ साथ हमने बहुत कुछ चीजों को लाइफ स्टाइल का हिस्सा बनाया है जिसमे मोबाइल और उसके यह ऐड ऑन सेवा एस एम् एस सबसे प्रमुख हैं.
मोबाइल का प्रयोग करने वाले शायद किसी ही किसी इंसान ने इस फीचर का लाभ ना उठाया हो.फिर चाहे वो किसी को मोर्निंग या नाईट विश करना हो,या त्यौहार पर शुभकामनाएँ देनी हों,किसी रूठे को मनाना हो या टाइम पास करना हो,sms हर तरह से आपके साथ हैं.अब तो मोबाइल कंपनियाँ भी इसके महत्व को बाखूबी समझ गयीं हैं शायद इसिलए एक से बढ़कर एक एस ऍम एस टैरिफ कार्ड्स मौजूद हैं.हमारे टेली कोम कंपनियों को तो हमारी इतनी फिकर है कि आप कुछ पैसे खर्च करके शायरी,चुटकुले,साहित्य से लेकर प्लेन,ट्रेन आदि कि जानकारी,शेयर मार्केट की उठा पटक,क्रिकेट और देश विदेश की खबरें,भविष्यफल,कुछ भी मंगवा सकते हैं..
पर तिवारी जी एस ऍम एस के बढ़ते प्रभाव से बहुत आहत हैं.कहते हैं कि जब से यह एस ऍम एस संस्कृति प्रचलन में आई है,यह अपने साथ एक नयी भाषा भी साथ ले आई है.you घटकर सिर्फ u रह गया है,love में e अनावश्यक है इसलिए lov ही हिट है,my बदलकर ma हो चुका है.वो आगे बताने लगे कि प्रभाव इतना ज्यादा बढ़ गया है कि बच्चे अप्लिकेशन और नोटबुक दोनों में धड़ल्ले से गलत स्पेलिंग लिख रहे हैं और उसे सही भी बता रहे हैं.कल जब उनके बेटे ने उनका जनरेल नोलेज चेक करने के लिए asl का मतलब पूछ लिया तो वो न बता सके.बाद में पूरा मतलब जानकर वो खिसिआए बिना भी नही रह सके.
सोचिये,इस एस एम् एस के आने के बाद कितना कुछ बदला है.अगर आपके अन्दर से कोई शायरी बाहर आने को उतावली है तो बेझिजक उसे फॉरवर्ड कर लोगों को दे मारिए.नए विचारों का इतना अकाल है कि आपके विचार तुंरत स्वीकार कर लिए जायेंगे.चलिए,इसका एक और उपयोग बताता हूँ.इसमें नए रिश्ते जोड़ने की असीम शक्ति होती है.हमारे युवा बंधू अक्सर किसी से जुड़ने के लिए पहले तो उसका नम्बर प्राप्त करते हैं,फिर शायराना और दिल को छू लेने वाले संदेशों से टार्गेट का जीना हराम कर देते हैं.अपेक्षित व्यक्ति की कॉल आये तो रिश्तों की बुनियाद रखने की लपेटू प्रक्रिया शुरू और अगर भाई,पिता पुलिस आदि की काल हो तो तकनीकी गलती का हवाला देकर बच जाते हैं.
समय बदला तो साथ साथ यह एस एम् एस भी बदल गए.एस एम् एस कब एम् एम् एस हो गया पता ही नही चला.किसी को रिझाने के लिए अब सिर्फ टेक्स्ट मैटर ही काफी नही,ग्राफिक्स और म्यूजिक भी सन्देश का हिस्सा बन्ने लगे हैं.पर यह एम् एम् एस और बिगडा तो 'एम् एम् एस काण्ड' जैसे शब्द भी हमारे परिभाषावली का हिस्सा बन गए. भावना व्यक्त करने के अलावा अब हम देश का बेजोड़ गवैया और डांसर तय करने में भी इसका प्रयोग करने लगें हैं.इसके समर्थकों का तो यहाँ तक मानना है कि देश के आम चुनाव भी इसी के जरिए हो जाएँ तो बेहतर.निष्क्रिय और सुस्त पड़ते समाज की फिलहाल कमोवेश सोच तो यही है.जी हाँ,एस ऍम एस के साथ साथ भाषा ही नही बल्कि रिश्ते और सामाजिक सक्रियता भी सिकुड़कर छोटे होते जा रहे है पर तकनीक के इस दौर में रिश्तों और भावनाओं के बारे में लोग कम ही सोचते हैं पर आप एक बार जरूर सोचियेगा.
(२९ अगस्त को आई नेक्स्ट में प्रकाशित).http://www.inext.co.in/epaper/Default.aspx?edate=8/29/2009&editioncode=1&pageno=16#
kuch line jaise "train ,plain ke jaan kariya," tukband hai,jo crative bhi hai tatha munsi premchand ke sahityic lekhan saile ke jhalak dekhati hai,great topic taken for disccusion,ye sare topic shows your creativity.my all good wishes with you, go ahed,sky has no limit.
regards
ashutosh
hmmm
"IF u love ur mom ffwd this to 10 ppl"
man m sick of such messages, they are so very annoying. BUt i tell u if u have enough balance in ur fone u cant stop urself from fwding.
n yes, check out how many times i used SMS language here in this comment. LOL
जी हाँ,एस ऍम एस के साथ साथ भाषा ही नही बल्कि रिश्ते और सामाजिक सक्रियता भी सिकुड़कर छोटे होते जा रहे है
Sahmat hoon aapki baat se.
अभिषेक बहुत दिनों बाद ब्लॉग की दुनिया मैं लौटा जिन्दगी की भाग दौड़ में बहुत सी चीज़ें छूट जा रही हैं पता नहीं मुझे ऐसा लगता है मेरे पास समय कम है लेकिन आज समय भी था और कुछ न करने की इच्छा आज दुनिया से कुछ लेने की सोची और आपके ब्लॉग पर पहुंचा अच्छा लगा ये पढ़कर कि दुनिया बहुत आगे निकल गयी है और बच्चे भी क्या खूब लिखते है शायद यही चीज़ मैं हर उस विद्यार्थी को सीखना चाहता हूँ लिंक जोड़ना ये सीख गए तो बाकी चीज़ें इनके साथ आ जायेंगी और आपको ये सिखाने की जरूरत नहीं पढी कम से कम मै तो यही मानता हूँ
दिल के तारों को हिलाने के लिए बधाई